दिल्ली व्यूरो
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने लोकसभा सांसद चिराग पासवान को उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान को आवंटित बंगले (Bungalows Allotted To Ram Vilas Paswan) से बेदखल करने के लिए एक टीम भेजी है. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय ने पिछले साल चिराग पासवान को जारी बेदखली के आदेश को अमल में लाने के लिए अधिकारियों की टीम को जनपथ रोड स्थित बंगले पर भेजा था.
अधिकारियों ने कहा कि 12-जनपथ बंगला केंद्रीय मंत्रियों के लिए निर्धारित है और सरकारी आवास में रहने वालों को इसे खाली करने के लिए कहा गया है. यह घर लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) का आधिकारिक पता रहा है, जो अब पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच दो गुटों में विभाजित हो गयी है. इसका उपयोग पार्टी की संगठनात्मक बैठकों और अन्य संबंधित कार्यक्रमों के आयोजन के लिए नियमित रूप से किया जाता था.
वहीं, पिछले साल अगस्त महीने में खबर सामने आई थी कि लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का दिल्ली में 12 जनपथ स्थित सरकारी बंगला अब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को दिया गया है. यह बंगला पासवान को 31 साल पहले आवंटित किया गया था. शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय के अधीन संपदा निदेशालय ने 14 जुलाई को चिराग पासवान को इस बंगले को खाली करने का नोटिस भेजा था. जबकि अपनी मां के साथ रह रहे लोकसभा सांसद चिराग ने अपने पिता की बरसी तक इस बंगले में रहने की अनुमति मांगी थी.
बता दें कि यह बंगला लुटियन दिल्ली में बने सरकारी बंगलों में सबसे बड़े आवासों में से एक है, जोकि लोक जनशक्ति पार्टी का आधिकारिक पता भी रहा है. इसे रामविलास पासवान पार्टी कार्यालय के तौर पर भी इस्तेमाल करते थे. हालांकि अब एलजेपी का नया पता कौन सा होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. हालांकि, इससे पहले 12 जनपथ वाला सरकारी बंगला रामविलास पासवान के भाई और चिराग पासवान के चाचा केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को अलॉट होने वाला था, लेकिन उन्होंने इसे लेने इंकार कर दिया था, क्योंकि इससे बिहार की सियासत में गलत संदेश जाता. वैसे एलजेपी को लेकर चिराग और उनके चाचा पशुपति में खींचतान चल रही है.